भारतीय संविधान के अनुच्छेद 351 में हिंदी भाषा के विकास के लिए दिया गया निर्देश इस प्रकार है-
“संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिंदी भाषा का प्रसार बढाए, उसका विकास करे जिससे वह भारत की सामासिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके और उसकी प्रकृति में हस्तक्षेप किए बिना हिंदुस्तानी में और आठवीं अनुसूची में विनिर्दिष्ट भारत की अन्य भाषाओं में प्रयुक्त रूप, शैली और पदों को आत्मसात करते हुए और जहाँ आवश्यक या वांछनीय हो वहाँ उसके शब्द-भंडार के लिए मुख्यत: संस्कृत से और गौणतः अन्य भाषाओं से शब्द ग्रहण करते हुए उसकी समृद्धि सुनिश्चित करे।”
संविधान की इस भावना के अनुपालन की दिशा में 1 मार्च, 1960 को शिक्षा मंत्रालय (अब उच्चतर शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय) के अधीनस्थ कार्यालय के रूप में केंद्रीय हिंदी निदेशालय की स्थापना हुई। चेन्नई, हैदराबाद, गुवाहाटी और कोलकाता में इसके चार क्षेत्रीय कार्यालय हैं।